गरिमा – एक अभिव्यक्ति

  •               गरिमा – एक अभिव्यक्ति

 

इस पेज पर आपको व्यवहारिक… सामाजिक…. दार्शनिक… प्रेरक के साथ ही तार्किक विचार से अवगत कराया जायेगा जो आपके जीवन के भिन्न भिन्न पहलुओं में वैचारिक दायरे को विस्तृत करने में सहायक होगा
आपके दिन का आरंभ एक सकारात्मक विचार से होगा तो पुरा दिन सकारात्मक कर देगा और आपके ज्ञान में भी वृद्धि के साथ निर्णय क्षमता को मजबूत करेगा
इस पेज से आपको अलग अलग लोगो श्रेष्ठ विचारो के बारे में जानकारी मिलेगी … और उनके दृष्टिकोण को जानने का अवसर भी मिलेगा जो आपको सामान्य ज्ञान के साथ भावनात्मक और मानसिक पक्ष को अधिकाधिक पुष्ट करेगा ….
तो प्रतिदिन नए नए विचारों और दृष्टिकोण के लिए page पर आए और अपने दिन को अच्छी और सकारात्मक शुरुआत दे साथ ही इन विचारो आस पास फैलाएं जिससे उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके 

यहां बेखबर शब्द सुनकर भी है और तुम आस लगाएं हो

कोई तुम्हारा मौन समझेगा….


आजीविका को चलाने के लिए विकल्प बहुत मिल जायेंगे
बेहतर इंसान बनने के लिए चरित्रवान बनो…


नाराजगी को हृदय में रखने से श्रेष्ठ है व्यक्त कर देना…


जैसे एक अच्छा कार्य आपको दूसरा अच्छा कार्य करने को प्रेरित करती हैं उसी प्रकार एक बुरा कार्य आपको दूसरा बुरा कार्य करने को प्रेरित करता है


प्रेम कभी मलिन नही हो सकता

और जो मलिन है…. वो कभी था ही नहीं 


अक्सर जो औरत सबको अच्छी लगती है …

वो औरत खुद को अच्छी लगने वाली सारी चीज़े छोड़ चुकी होती हैं 


हमने खुद के अनुभव नहीं लिए कभी
पढ़ी हुई किताबो से … जी हुई जिंदगियों से सीखा है


अपनी प्रशंसा करने में किसी का अपमान कर देना आपको कभी भी प्रशंसनीय नही बना सकता ।


 

अधिकार को छोड़ने वाला व्यक्ति सबको भला लगता है


अपना सूरज स्वयं बनोगे तो आप सुबह की नही सुबह आपकी प्रतिक्षा करेगी ।


प्रसन्नता प्राप्त करने में नहीं प्रदान करने में है ।

 

नियत अच्छी रखिए… नसीब अपने आप अच्छा हो जाएगा।

 

किसी का सम्मान करना कमजोरी का नही… अच्छी परवरिश का प्रतीक है ।

 

बीते हुए कल के लिए आज को खोना आने वाले कल के लिए विनाश का सूचक है ।

 

अति की गति विध्वंस के लिए पर्याप्त है ।

 

अगर आपको शिकायत है सूर्य के जलाने से
तो आपको सूर्य का प्रकाश भी स्वीकर नहीं करना चाहिए ।

 

एक बार नजर से उतरने के बाद आप खुद को भी वो स्थान नहीं दिला सकते…

जो आपके अलावा किंही और का नही था ।

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स्वयं के अन्तर्मन से किया गया छल …

 सबसे अधिक क्षति पहुंचाता है

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सही लक्ष्य के लिए असफल प्रयास बेहतर है… कुछ ना करने के।

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मनुष्य सदा अंतर्बल से युक्त होना चाहिए क्योंकि…..

जल से रिक्त बादलो की दिशा हवा तय करती है बादल नहीं |

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निरंतर प्रयास ही सफ़लता की चाबी है……..

जैसे लगातार बहने वाली जल की धारा से चट्टानों में भी स्थान बन जाता है

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