स्व-महत्वपूर्णता
किसी से लगाव होना और फिर उस लगाव का बढ़ता जाना प्रेम है किन्तु प्रेम में कभी किसी के अस्तित्व को खत्म नही किया जाता है बल्कि आपस मे सम्मान और दोनो के विचारो को समान अहमियत दी जाती है और साथ ही बेहतर की खोज की बजाए जो है उसे बेहतरीन बनाया जाता है … किसी के लिए अपने आत्म सम्मान और स्वमहत्वपूर्णता को खत्म करना कभी यह तय नहीं करता की सामने वाला व्यक्ति सदा के लिए आपके पास रहेगा किन्तु ऐसा करने पर आप आप भी नही रहेंगे यह तय है और जो आपके साथ रहना चाहते है वे आपको बदलने के स्थान पर बेहतर होना सिखाएंगे साथ ही पारिवारिक और सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाएं रखेंगे इसीलिए समर्पण करना महत्वपूर्ण नही है ,जो समर्पण को महत्व दे सके समझ सके ऐसा व्यक्ति प्राप्त कर लेना महत्वपूर्ण है ….
अंधेरे से वफ़ा
अंधेरा उनको भी खलता था जिनको आरजू चिराग की थीं
हमने खुद को जलाना क्या शुरू किया , वो अंधेरे से वफा कर बैठे
राख भी ना बची जो साबित करे , कि ये तेरे इश्क का अंजाम है
तू जिंदगी की बात करता है , मेरी मौत भी तेरे नाम है
सूफ़ी इश्क की इबादत मे चश्म का अश्क ही सुकूं है मेरा
जिसके लिए आफताब बने हम , वो अंधेरे से वफा कर बैठे
सादगी मेरे रूह की समझ ना पाया जो तेरे हर लफ्ज़ पर ऐतबार किया
तुझसे चंद लम्हे क्या मांगे , तूने इश्क में दर्द का कारोबार किया
ये मंजूरी थी या मजबूरी थी शायद कि तेरे शब की चाहत के खातिर
मैं तन्हा शब का सितारा क्या हुई , वो अंधेरे से वफा कर बैठे
तू खुश रह तेरी कायनात में मुझ में मैं बची कहाँ है
सिर्फ तू रुखसत हुआ है , मेरा इश्क इबादत बन जिंदा यहां है
ये ताकत खुदा की थी या जाते जाते वो हुनर दे गया कोई
कि हम खुद ही मार कर खुद को , नया शख्स पैदा कर बैठे
अंधेरा उनको भी खलता था जिनको आरज़ू चिराग की थीं
हमने खुद को जलाना क्या शुरू किया वो अंधेरे से वफा कर बैठे
मनुष्य के लिए मनुष्य का… भाव का …विचार का …हर चीज का अपना अपना महत्व है और ये महत्वता कही ना कही उपयोगिता से भी संबंधित होता है….. आप सब कुछ ना कुछ महत्वपूर्ण खोज रहे है तो ये बात महत्व नहीं रखती कि आपमें ऐसा क्या महत्वपूर्ण है जो औरों को तो पूर्ण करे ही साथ ही स्वयं को भी पूर्ण करे। किन्ही में सुधार करने या किसी तराशे हुए व्यक्ति को चुनने से पूर्व इतना तय करना आवश्यक है हमने स्वयं को कितना तराशा हुआ है सुधार किया है या जो इच्छाएं हम औरों से करते है तो फिर आप भी उनके लिए वो सब करने के लिए समर्थ है भी या नहीं…