जिंदगी – एक ख्याल
जिंदगी एक जिंदगी मे इंसान कितनी जिंदगियाँ जी लेता है कभी खुद के, कभी अपनों के, कभी हालातों के हिसाब […]
जिंदगी एक जिंदगी मे इंसान कितनी जिंदगियाँ जी लेता है कभी खुद के, कभी अपनों के, कभी हालातों के हिसाब […]
|| दम तोड़ती आशाएँ || कई बार सारी आशाएं समाप्त नजर आती है … ऐसा अनुभव होता है कि
भौतिकता या आत्मीयता हर चीज को भौतिक रूप में पाना ही हमे सबसे ज्यादा जरुरी लगता है किंतु हम