स्व-महत्वपूर्णता_अंधेरे से वफा कर बैठे
स्व-महत्वपूर्णता किसी से लगाव होना और फिर उस लगाव का बढ़ता जाना प्रेम है किन्तु प्रेम में कभी किसी के […]
स्व-महत्वपूर्णता किसी से लगाव होना और फिर उस लगाव का बढ़ता जाना प्रेम है किन्तु प्रेम में कभी किसी के […]
|| बिछड़ना || बिछड़ना स्वयं से …जीवन में कितनी बार ऐसा हुआ है जब हम अपने भाव को छुपा लिया
मज़ाक मजाक…. कभी किसी ने आपके साथ तो आपने किसी ना किसी के साथ मज़ाक किया होगा किन्तु उसके बाद
।।दृष्टिकोण।। एक दृष्टि में कितने दृष्टिकोण है यह स्थिति पर निर्भर करता है क्योंकि हर व्यक्ति ने अपनी सूझबूझ अपनी
राह किन्ही की अहमियत इतनी होना कि एक बार को तो स्वयं को दरकिनार कर देना पर उनको नहीं ….
|| दीपावली एक त्यौहार || भारतीय संस्कृति की यह एक विशेषता है कि यहां का हर एक पर्व अपने